आद्रा आते ही बिहारी घरों में याद किया जाता है-दाल पूरी, खीर, आम हर घर में आद्रा नक्षत्र में दाल पूरी जरूर बनती है।दाल पूरी के साथ खीर भी बनता है और साथ में होता है आम।इसमें मालदा, दशहरी आम हो तो ये हमें पूरी तरह से बिहारी होने का एहसास दिलाता है।
इसके साथ हम आलू टमाटर की रसेदार सब्जी भी बनती है।
बिहार में आद्रा मनाने की परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है। यह हमारे बिहार की परंपरा को दर्शाती है।
आद्रा नक्षत्र में बारिश का आगमन होता है।हमारी संस्कृति में बारिश का बहुत महत्व है।बारिश को बुलाने और इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए हर घर में दाल पूरी और खीर जरूर बनती है।और साथ में होता है आम।इंद्र देवता को भोग लगाया जाता है । भोग लगाते समय इंद्र देव से प्रार्थना करके बोला जाता है कि बारिश लगातार हो और कृषि में बढ़ोतरी हो।
भोग के बाद दाल पूरी, खीर, और आम परिवार के साथ बैठकर खाया जाता है।
तो चलिए बनाते हैं दाल पूरी और खीर।
दाल पूरी बनाने की सामग्री:
•एक कप चना दाल,एक चम्मच जीरा, एक चम्मच कालीमिर्च, 2 सूखी साबुत लाल मिर्च,नमक।
बनाने की विधि:
दाल को 4/5 घन्टे के लिए भिगो दें।उसके बाद उसे पानी से निकाल दें। अब एक कढ़ाई में 2 चम्मच तेल डालें।तेल गर्म होते ही जीरा, काली मिर्च, साबूत मिर्च, डालें।
अब इसे थोड़ा लाल होने दें।लाल होते ही इसमें भिगोया हुआ दाल डालें।थोड़ा भून कर इसमें स्वादनुसार नमक डालें।अब इसमें थोड़ा पानी डालकर 5 मिनट के लिए पकने दें।
उसके बाद गैस बंद कर दें।
अब इसे ठंडा होने पर मिक्सर में पीस लें।थोड़ा दरदरा ही पिसें।पीसने के बाद यह मिश्रण तैयार है।
अब आटा गूंथ लें।आटा सॉफ्ट ही गूथें।अब आटे की लोई बनाये।लोई में इस मिश्रण को भरें। भरने के बाद इसे आप पूरी से थोड़े बड़े साइज में बेल लें।
अब इसे पूरी की तरह तल सकतें हैं या तवे पर घी लगाकर सेंक सकते है। यह आपके उपर है।यह दोनों ही तरह से बनाई जाती है।और बेहद स्वादिष्ट लगती है।
खीर बनाने की सामग्री:
1 लीटर दुध, चीनी, ड्राई फ्रूट्स, आधा कटोरी चावल ,इलायची पाउडर।
खीर बनाने की विधि :
•सबसे पहले दूध को उबाल लें।
•अब इसमें चावल धोकर डालें।
•चावल को पकने तक चलाते रहें।
•देख लें की चावल पका है की नही।
• पक जाने पर इसमें चीनी, ड्राई फ्रूट्स, इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। 2 मिनट के बाद गैस बंद कर दें।
हो गया हमारा खीर भी तैयार। अब दाल पूरी, खीर और आम हम सब मिलकर खातें हैं और मनाते हैं आद्रा।
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